Wednesday, 4 September 2013

महाभारत



महाभारत
Kurukshetra.jpg
महाभारत महाकाव्य की हस्तलिखित पाण्डुलिपि
अन्य प्रसिद्ध नाम
भारत,जय
लोकप्रियता
भारतनेपालइण्डोनेशियाश्रीलंकाजावा द्वीपजकार्ताथाइलैंडतिब्बतम्यान्मार
रचयिता
वेदव्यास
लेखक
गणेश
प्रचारक
वैशम्पायन,सूत,जैमिनि,पैल
ग्रंथ का परिमाण
श्लोक संख्या(लम्बाई)
१,१०,००० - १,४०,०००
रचना काल
३१०० - १२०० ईसा पूर्व
१)वेदव्यास द्वारा १०० पर्वो में
३१०० ईसा पूर्व
२)सूत द्वारा १८ पर्वो में
२००० ईसा पूर्व
३)आधुनिक लिखित अवस्था में
१२००-६०० ईसा पूर्व
मूलतत्त्व और आधार
आधार
कौरवों और पाण्डवों के मध्य का आपसी संघर्ष
मुख्य पात्र
श्रीकृष्ण,अर्जुन,भीष्म,कर्ण,भीम,दुर्योधन,युधिष्ठिर

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृतिवर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिकपौराणिक,ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यहसाहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्यहिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथोंमें से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। [1] यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीयके लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत केइतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतमग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं [2], जो यूनानी काव्यों इलियड औरओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। [3][4]

हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदोंवेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य मेंन्यायशिक्षाचिकित्साज्योतिषयुद्धनीतियोगशास्त्र,अर्थशास्त्रवास्तुशास्त्रशिल्पशास्त्रकामशास्त्रखगोलविद्यातथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। [5]

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